Vardan | Hindi Books Paperback (Diamond) Munshi Premchand

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9788171829071

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वरदान दो प्रेमियों की दुखांत कथा है। ऐसे दो प्रेमी जो बचपन में साथ-साथ खेले, जिन्होंने तरुणाई में भावी जीवन की सरल और कोमल कल्पनाएं संजोईं, जिनके सुन्दर घर के निर्माण के अपने सपने थे और भावी जीवन के निर्धारण के लिए अपनी विचारधारा थी। किन्तु उनकी कल्पनाओं का महल शीघ्र ढह गया। विश्व के महान कथा-शिल्पी प्रेमचन्द के उपन्यास वरदान में सुदामा अष्टभुजा देवी से एक ऐसे सपूत का वरदान मांगती है, जो जाति की भलाई में संलग्न हो। इसी ताने.बाने पर प्रेमचन्द की सशक्त कलम से बुना कथानक जीवन की स्थितियों की बारीकी से पड़ताल करता है। सुदामा का पुत्र प्रताप एक ऐसा पात्र है जो दीन-दुखियोंए रोगियोंए दलितों की निस्वार्थ सहायता करता है।इसमें विरजन और प्रताप की प्रेम-कथा भी हैए और है विरजन तथा कमलाचरण के अनमेल विवाह का मार्मिक प्रसंग। इसी तरह एक माधवी हैए जो प्रताप के प्रति भाव से भर उठती हैए लेकिन अंत में वह सन्यासी जो मोहपाश में बांधने की जगह स्वयं योगिनी बनना पसंद करती हैं।

Weight 178 g